कहा जाता है
राजनीती अपने हिसाब से परिस्थितियों में सामंजस्य बिठा ही लेती है, और सिर्फ यही एक एकलौता छेत्र है जहाँ योग्यता कोई मान्यता नहीं रखती सीवान जिले के अजय सिंह को उत्तर बिहार में खौफ का दूसरा नाम समझा जाता है, अजय सिंह को बिहार की सबसे बड़ी हिंदी साहित्य अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है। एक आपराधिक छवि वाले शख्स जिसका साहित्य और साहित्य सम्मेलन से दूर-दूर तक कभी रिश्ता नही रहा है उसे हिंदी साहित्य अकादमी का अध्यक्ष बनाना नीतीश सरकार पर कई सवाल खड़े करता है।अजय सिंह पर सीवान और छपरा में मोटरसाइकिल लूट, अपहरण, हत्या के लगभग 30 मामले दर्ज है। फिलहाल वे सभी मामलें में जमानत पर हैं अजय सिंह को अभी एक आपराधिक मामले में पटना हाइकोर्ट ने सजा तक बरकरार रखी है जिस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका लंबित है।
" विनाश काले विपरीत बुद्धि "
यह मुहावरा बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार को दुसरो को कहने से पहले खुदपर लागु कर के देखना चाहिए यह उनपर एकदम सटीक बैठता है | आज उनकी हालत ८ साल पहले रहे अपने पूर्व निकटम साथी एवं आज के धुर विरोधी श्री लालू प्रसाद यादव जैसे ही हो गई है , जिस निराशा का भाव बिहार की जनता उस समय महसूस किया करती थी ठीक वैसा ही कुछ आज का माहौल है | पहले और आज के माहौल में काफी कुछ समानताये है जहाँ पहले भी सत्ता के सुख का अनुभव बाहुबली किया करते थे वही आज फर्क सिर्फ इतना है की नाम उनकी पत्नियों का रहता है और सारा मजा बाहुबली नेताजी खुद करते है|
मुज़फ्फरपुर की विधायक श्रीमती अन्नू शुक्ला, बाहुबली मुन्ना शुक्ला की पत्नी है और नितीश कुमार से पुरानी वफादारी होने के कारन मुन्ना शुक्ला अपनी पत्नी का सारा काम खुद ही देखते है वो भी जेल में बैठ कर, वही दूसरी तरफ पूनम देवी यादव ,लेसी सिंह ,बीमा भारती ,गुलजार सिंह जैसे तमाम ऐसे महिलाये है जो नाम मात्र बिहार विधानसभा में MLA है और उनका सारा काम नितीश कुमार के वफादार बाहुबली एवं उनके पति ही करते है | पूनम देवी यादव के पति रणबीर यादव १९८३ के लखीमपुर में हुए नर-संघार के लिए दोषी साबित हुए एवं जेल में अपनी सजा काट चुके है एवं पूनम जी का सार काम काज देखते है , उसी प्रकार लेसी सिंह कुख्यात भुतन सिंह की पत्नी है जो की एक हिस्ट्री शीटर थे | वही अवधेश मंडल जो की अपने जिले में काफी मशहूर है अपनी बाहुबली छमता को ले कर उनकी पत्नी बीमा भारती उसी जिले से विधायक है|
जनता दल यू के कुल 118 MLA में 58 के ऊपर क्रिमिनल चार्जेज है और उन 58 में से 43 के ऊपर IPC की संगीन धराये लगी है जो किसी भी आम इन्सान को जेल में रहने का बंदोबस्त कर सकने में सक्षम है और जो बाकि बचे है उनमे से भी करीब 70% ऐसे लोग है जो अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को चला रही है उन सभी में ऊपर दिए गए उदहारण शामिल है |
जुलाई 2011 में, अजय सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए गए थे , अजय सिंह की मां जगमातो देवी जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक थी और उस वक़्त उनकी मृत्यु हो गई थी | अजय सिंह को सीवान जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र धुरौधा से उपचुनाव लड़ना चाहते थे , लेकिन बैठक में एक आश्चर्य मोड़ ले लिया. नीतीश ने उन्हें शादी करने के लिए कहा, माँ की मौत के तुरत बाद उन्होंने शादी करने से उससमय इंकार कर दिया फिर भी नितीश कुमार ने जोर दिया और उनसे कहा की वो उनकी माँ की अंतिम इच्छा थी और उसे वो पूरी करे |
परन्तु अजय सिंह असंतुष्ट हो कर घर लौट आए, कुछ हफ्ते बाद वह फिर से पटना गए . इस बार नीतीश कुमार ने फिर कहा की " आप एक शिक्षित लड़की से शादी कर लो. वह कम से कम 25 वर्ष की हो ये सुनिश्चित करें" उपचुनाव में नितीश कुमार दोनों तरफ से फायदा लेने का एक जबरदस्त प्लान बनाया जहा एक तरफ उन्होंने अजय सिंह की बाहुबली छमता का उपचुनाव जितने में भरपूर फायदा मिला वही दूसरी ऒर उनकी दागी छ्वी को लेकर भी कोई छिछालेदर नहीं हुआ जहाँ अजय सिंह पर एक हत्या के सहित 30 से अधिक आपराधिक मामले लंबित है | विवाह 17 सितंबर को नामांकन भरने के दो दिन पहले पितृपक्ष के असुभ महीने में ही हो गया , 13 अक्टूबर को उपचुनाव में अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह ने 20,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की.
आज अजय सिंह अपनी पत्नी के साथ सार्वजनिक समारोहों में शिरकत करते है, सरकार के अधिकारियों के साथ निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा करते है और विधायक के सरकारी मोबाइल फोन का भी इस्तमाल खुद ही करते है वही कविता सिंह सिर्फ नाम भर की विधायक बन कर बैठी हुई है, लेकिन वह ऐसी स्थिति में एकमात्र महिला विधायक नहीं है यह चिंता की बात है |
बताया जाता है कि बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष अनिल सुलभ का कार्यकाल समाप्त होने के दौरान निर्वाची पदाधिकारी ने निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान अध्यक्ष अनिल सुलभ, डा. शिववंश पांडेय, कृष्ण रंजन सिंह व अंजनी कुमार सिंह ‘अंजान’ के नाम का प्रस्ताव गया था।इनमें से दो व्यक्तियों द्वारा चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद अनिल सुलभ और अंजनी कुमार ही चुनाव मैदान में रह गए थे पर इसी बीच अचानक बाहुबली अजय सिंह को हिन्दी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
आश्चर्य की बात है की नितीश कुमार जो खुद एक पढ़े है उन्होंने अजय सिंह को साहित्य सम्मलेन का अध्यक्ष बना दिया है जो सिर्फ 8वीं पास है यह तो "चिराग तले अँधेरा" वाली बात हो गई , अब यही सुशानन जब नितीश कुमार दिखायेंगे तब निश्चित ही बिहार की जनता आगामी चुनावो में अपने लिए किसी और चेहरे का चुनाव करना पड़ेगा जो उन्हें कम से कम इन अपराधिक छवि वाले नेताओ से मुक्ति दिलाये वरना जिसके लिए बिहार हमेशा बदनाम रहा उसी जंगल राज में नितीश कुमार सरीखे लोग अपने निजी स्वार्थ को भेदने में राज्य को वापस धकेलने के लिए आतुर दिखाई पड़ते है | जितनी जल्दी संभल जाये अच्छा है वरना जनता से समझना क्या होता है ये उन्हें लालूजी से निश्चित ही समझना पड़ेगा |