Saturday, 27 July 2013

पहला अनुभव

आज पलही बार ब्लॉग लिखने का मन हुआ तो पहला ख्याल यही आया की लिखे क्या राजनीति पे लिखे ज़िम्बम्बे में हो रहे क्रिकेट पे लिखे या फिर आज के संगीत पे लिखे पर उन सब से ऊपर यही लगा की क्या न आज कल के हॉट टॉपिक नरेन्द्र मोदी पे ही कुछ लिखा जाये।

मै बीजेपी का बहुत बड़ा सप्पोर्टर रहा हु लेकिन एक बाद एक हो रहे बीजेपी की तरफ से  बयानबाजी और फिर उनपे कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल की तरफ से मेरा मन थोडा कुंठित होता है. आज बीजेपी के पास हिंदुत्व के अलावा बहुत अन्य मुद्दे है जिनसे वो चुनाव में जा कर कर अच्छे बहुमत से सात पे आ सकता है मगर न जाने क्यों बीजेपी जानबूझ कर ऐसे गलतिया कर रही है जितनी जल्दी हो सके उन्हें ये सब पीछे छोड़ कर अपने विकाश के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरना चाहिए जिससे न सिर्फ अल्पसंख्यक समाज खास कर मुस्लिम वोट मिले जिससे वो सत्ता पे काबिज हो सके. आज बीजेपी को अटलजी की तरह का एक सर्वमान्य राजनेता की जरुरत है . न जाने क्यों दौड़ में सिर्फ अडवाणी या मोदी का नाम आगे लाया जा रहे है जबकि बीजेपी में सुषमा स्वराज , जसवंत सिन्हा , यशवंत सिंह और बहुत से ऐसे दुसरे कतार के नेता है जो सर्वमान्य है और जिनके समर्थ पे कोई शक नहीं कर सकता .


आशा है जल्द ही बीजेपी अपनी नीतियों पे वापस आ कर देश में एक ऐसी सरकार का गठन करे जो देश को आर्थिक मोर्चे पे एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाये और जो स्वप्न अटलजी और कलाम साहब ने मिल कर कर देखा था उसे पूरा करे .

हम उसी गंगा-जमुनी सभ्यता के बल पर ये प्राप्त कर सकते है और ये हमारे राजनेताओ को जल्द समझ में आ जाये उसी की कामना करता हु .


अंशुमन श्रीवास्तव


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